तनाव शरीर की स्वभाविक प्रक्रिया है। कभी-कभी शरीर को सामंजस्य बिठाने के लिए खुद में बदलाव करने पड़ते हैं, जिससे तनाव हो सकता है। अब सवाल ये उठता है कि तनाव कब अच्छा या बुरा होता है?
तनाव महसूस करना बिल्कुल सामान्य है। छात्र अपनी परीक्षा को लेकर तनाव में रहते हैं, वयस्क अपने काम की डेडलाइन के कारण परेशानी महसूस करते हैं। तनाव सबको अलग-अलग तरह से प्रभावित करता है। आमातौर पर तनाव को दो भागों में बांटा गया है, एक अच्छा तनाव और दूसरा बुरा तनाव।
अच्छे तनाव या गुड स्ट्रेस की बात करें तो यह आपको अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करता है और परिस्थिति के अनुकूल खुद को नियंत्रण करने में मदद करता है। जबकि बुरा तनाव यानी बैड स्ट्रेस आपको न सिर्फ हतोत्साहित करता है बल्कि ऐसे तनाव की वजह से आप खुद को नियंत्रित भी नहीं कर पाते। जब बुरे तनाव का असर आपके शरीर पर बहुत ज्यादा होता है तो आप स्थिति से आसानी से उबर नहीं पाते बल्कि खुद को फसा हुआ महसूस करते हैं। इसे आप कह सकते हैं कि तनाव की स्थिति में आप खुद को हारा हुआ और दुनिया का सबसे कमजोर व्यक्ति समझने लगते हैं।
अच्छा तनाव क्या है
इस बात को जानें कि बिना तनाव के आप एक अच्छी जिंदगी नहीं जी सकते। तनाव आपको सजग रहने में मदद करता है। तनाव की वजह से आप खतरों को पहचान पाते हैं और सही समय पर सही प्रतिक्रिया कर पाते हैं। तनाव होने पर मस्तिष्क में एक रसायन जारी होता है जो शरीर को तनावपूर्ण माहौल में प्रतिक्रिया करने के लिए सजग करता है। इसके अलावा तनाव के कुछ फायदे भी हैं। यह आपके हार्ट वर्क को बेहतर करता है और आपके शरीर को संक्रमण से बचाता है।
बुरा तनाव क्या है
जब शरीर तनावपूर्ण माहौल का सामना नहीं कर पाता तब अत्यधिक तनाव होता है। तनाव का भावनात्मक असर हफ्तों तक रह सकता है और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकता है, आपको उच्च रक्तचाप हो सकता है, कमजोरी हो सकती है और यहां तक कि हृदय रोग भी हो सकता है।
तनाव के लक्षण
यह समझना काफी मुश्किल होता है कि आपको तनाव है या नहीं लेकिन कुछ संकेतों और लक्षणों के जरिए आप इसका पता लगा सकते हैं। इनमें से कुछ संकेत इस प्रकार हैं-
- ध्यानकेंद्रित करने में समस्या होना या अपने काम को पूरा न कर पाना।
- आसानी से सर्दी-जुकाम होना।
- मूड अच्छा न होना।
- भूख न लगना।
- बहुत ज्यादा नींद आना या फिर सोने में दिक्कत महसूस करना।
- चीजों को नजरंदाज करना।
- पेट खराब होना।
तनाव से संबंधित धारणा
कुछ लोग तनावपूर्ण माहौल में बहुत अच्छा काम करते हैं जबकि कुछ लोग तनावपूर्ण स्थिति में परेशान हो उठते हैं। सवाल है ऐसा क्यों है? दरअसल तनाव से संबंधित सबकी अपनी अवधारणा है। यही कारण है कि तनाव पर हर व्यक्ति अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया करता है।
यह आप सभी जानते हैं कि स्थिति दो तरह की होती है, तनाव रहित या तनापूर्ण। यह व्यक्ति की अपनी सोच पर निर्भर करता है कि किस चीज को किस तरह देखना है और उस पर किस तरह प्रतिक्रिया करनी है। व्यक्ति खुद को अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है और अच्छा काम कर सकता है या फिर ठीक इसके उलट व्यक्ति परफाॅर्मेंस का प्रेशर महसूस करता है। नतीजतन उसे हारने से डर लगने लगता है।
तनाव के प्रति आपकी अवधारणा यह तय करती है कि तनाव को आप कैसे महसूस करेंगे। अतः तनावपूर्ण स्थिति में आशावादी रवैया रखें, तनाव को सकारात्मक रूप से समझें। यकीनन तनाव से निपटने में, उबरने में आपको मदद मिलेगी।
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