बच्चों की परवरिश आसान कार्य नही है,और कुछ ऐसी बातें हैं जो हर बच्चे का अपने बचपन में सुनना अनिवार्य है. दुर्भाग्या से ,अच्छी परवरिश पे कोई गाइडबुक उपलब्ध नही है. कई माता-पिता के लिए तो यह ‘ कार्य दौरान प्राप्त ज्ञान’ का अनुभव हो जाता है. अधिकतर माता –पिता यह सुनिश्चित करते हैं कि वो उन ग़लतियों को ना दोहरायें ,जो उनके माता-पिता से उनकी परवरिश में हुई थी,पर दुर्भाग्यवश उन्ही ढाँचों में फिसल जाते हैं!
परवरिश का एक सबसे महत्त्वपूण पहलू होता है अपने शिशु से निसंकोच बातचीत. नीचे दिए गये ऐसे 7 वाक्य हैं जो हर माता-पिता का अपने बच्चों को कहना ज़रूरी है-
1. हम तुम्हें बहुत प्यार करते हैं: माता-पिता होने के नाते आपका बच्चे के मन में ये सुदृढ़ करना अत्यावश्यक है कि आप उनसे अनियमित प्रेम करते हैं और हमेशा उनके लिए खड़े हैं.
२. हमे तुमपे गर्व है: आपके बच्चे को पता एवं विश्वास होना चाहिए की आपको उसपे एवं उसकी उपलब्धियों पे बहुत गर्व है. हर बालक भिन्न है, हर बालक विशिष्ट है, अपने शिशु के प्रति अपने गौरव को ज़रुर अभिव्यक्त करें.
३. हम क्षमा चाहते हैं: अपने बच्चे से क्षमा माँगने में कभी संकोच ना करें. कई परिस्थितियों में आप कोई विशेष दिवस,या जन्मदिन या स्कूल का कोई कार्यक्रम भूल गये होंगे ,या आपसे कोई और चूक हुई होगी.ऐसे में अपने बच्चे से क्षमा माँगने में कोई शर्मिंदगी महसूस नही करें.
४. हमने तुम्हे माफ़ किया: बच्चे छोटी और बड़ी -दोनो तरह की ग़लतियाँ करते हैं. दरअसल ,गलती हर इंसान से होती है. जब आपका बच्चा ग़लती करता है तो उसे माफ़ करें. इस प्रकार अपने बच्चे के साथ अपना रिश्ता और मज़बूत करते हुए आगे बढ़ें.
५. हम तुम्हारी बात सुन रहे हैं: सुन ना एक कला है,और अपने बच्चे की बातें सुनना अत्यावश्यक है.उनकी कहानियाँ,उनकी अभिलाषाएँ ,उनके सपने – अपने फोन और लॅपटॉप को बंद करें और ये सब चाव से सुनें.
६.ये तुम्हारी ज़िम्मेदारी है: अपने बच्चों को ज़िम्मेदारी दें, ज़िम्मेदार आदमी बनने में उनकी मदद करें. याद रखें ये अनुभूति उन्हे आपसे ही आएगी. इसलिए उन्हे उपयुक्त ज़िम्मेदारियाँ दें.
७. तुम में कुछ कर दिखाने वाली बात है: अपने बच्चे को निरंतर यह एहसास दिलाते रहें की उनमें वो सब करने की पूरी क्षमता है, जो वो करना चाहते हैं. वो कुछ भी पा सकते हैं.
आख़िरकार हर बच्चे की स्फटलता की कुंजी होती है उसका अपने माता पिता के साथ सकारात्मक जुड़ाव. इसलिए आपका अपने बच्चे की ज़िंदगी के साथ जुड़ा रहना आवश्यक है. याद रखें, एक मज़बूत बच्चे का निर्माण एक टूटे युवा को जोड़ने की अपेक्षा कई गुणा आसान है.
डॉक्टर प्रेरणा कोहली के बारे में
डॉक्टर प्रेरणा कोहली का मानना है की ” आप अपनी परेशानियों के बारे में मित्रों और परिवार वालों से बात कर सकते हैं, पर वो एक प्रोफेशनल एवं प्रशिक्षित साइकॉलजिस्ट से परामर्श करने से बिल्कुल अलग है- जिन्हे ये पता है की आपको वास्तव में किस प्रकार के सहयता की आवश्यकता है”.
डॉक्टर प्रेरणा कोहली “100 विमन अचीवर्स अवॉर्ड्स विन्नर (2016) से राष्ट्रपति डॉक्टर प्रणब मूखःएऱ्ज़ेए द्वारा पुरूस्कृत हैं.
डॉक्टर प्रेरणा एक क्लिनिकल मनोवैज्ञानिक, कुशल प्रवक्ता, कार्यशाला प्रशिक्षक हैं एवं समग्र चिकित्सक हैं. वह जीवन संतुलन ,आत्म जागरूकता ,आंतरिक शांति पे कार्यशालायें एवं व्याख्यान प्रदान करती हैं.अपने ज्ञान और करुणा को बाटने को स्मर्पित डॉक्टर प्रेरणा कोहली सहज ज्ञान एवम् ठोस समझ को मिश्रित कर एक ऐसा समग्र दृष्टिकोण प्रदान करती हैं, जिसकी विशेषता भावनात्मक परिवर्तन के क्षेत्रों में है.
डॉक्टर प्रेरणा कोहली भारत की एक प्रमुख मनोवैज्ञानिक हैं और शख्स, परिवार, माता पिता एवम् बच्चों को खुश रहने की प्रोफेशनल सलाह प्रदान करती हैं.